“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमंते तत्र देवता”, अर्थात जहाँ नारियों की पूजा होती है, वहाँ देवताओं का…
Category: समसमायिक
महाकुंभ 2025: प्रयागराज में आस्था और संस्कृति का महासंगम
प्रयागराज, जिसे त्रिवेणी संगम के लिए जाना जाता है, इस वर्ष महाकुंभ के पावन अवसर पर…
एक लघु आलेख:श्रीराम हमारे आदर्श क्यों?-प्रोफेसर अर्जुन दूबे, सेवा निवृत्त
श्रीराम: हमारे आदर्श क्यों? श्रीराम भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरुष माने जाते हैं। मर्यादा का पालन…
महाकुंभ 2025: आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक भव्यता का अद्वितीय संगम
भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक, महाकुंभ मेला 2025, प्रयागराज में अपनी भव्यता और…
अक्षय वट: अमरता, अध्यात्म और पौराणिक रहस्यों का प्रतीक
प्रस्तावनाक्या आप महाकुंभ प्रयागराज जाने की सोच रहे हैं, यदि हां तो आपको यह जानना आवश्यक…
देवनागरी लिपि: वैज्ञानिकता, सरलता और स्वर की सजीवता
देवनागरी लिपि भारतीय भाषाओं की आधारशिला है, जो अपनी वैज्ञानिकता और व्यावहारिकता के लिए जानी जाती…
महाकुंभ: भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर
Embed Imgur Image महाकुम्भ भूमिका महाकुंभ भारत के सबसे बड़े और पवित्र धार्मिक आयोजनों में से…
मोबाइल इंटरनेट की दुनिया: यूजर्स की बढ़ती संख्या और रिचार्ज पैक का बढ़ता बोझ
मोबाइल इंटरनेट की दुनिया: यूजर्स की बढ़ती संख्या और रिचार्ज पैक का बढ़ता बोझ भारतीय उपभोक्ता…
परिवर्तन और परिवर्तन शीलता
हमें राष्ट्रहित को सर्वोपरि रख कर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विकसित राष्टृ निर्माण हेतु उठाए…
शोध आलेख-भरत वेद कृत ‘शिखंडी’ हिन्दी साहित्य का किन्नर केन्द्रित प्रथम नाटक
इसीलिए बीसवीं शताब्दी के आखिरी दशक में किन्नर केन्द्रित ' शिखंडी ' नाटक का भरत वेद…