कर्मण्‍ये वाधिकारस्‍ते भाग 22 एवं 23

कर्मण्‍ये वाधिकारस्‍ते भाग 22 एवं 23 क्यों ना कहूँ खामोश रहूँ वाणी की वेदना कैसे सहूँ…

कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते भाग 20 एवं 21

कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते भाग 20 एवं 21 अवरोधों को लाँघ चलूँगा मैं तो हूँ यायावर मितवा सब की…

कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते भाग 18 एवं 19-बुद्धिसागर सोनी “प्यासा”

कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते भाग 18 एवं 19 मन तो चंचल उड़ना चाहे नील गगन में पँख पसारे किसे…

कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते भाग 16 एवं 17-बुद्धिसागर सोनी “प्यासा”

कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते भाग 16 एवं 17 नहीं ठहरना ओ यायावर तुम ठहरे तो जग ठहरा खुले हुये…

कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते भाग 14 एवं 15

कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते भाग 14 एवं 15 तृष्णाहत तन होकर व्याकुल यहाँ वहाँ डोलेगा तन क्या भीतर का…

कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते भाग 10 एवं 11-बुद्धिसागर सोनी

तुम साहस करके देखो तो दरिया भी राह दिखाती है उत्तुंग शिखर झुक जाता है मरू…

कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते भाग-6 एवं 7 Karmanyewadhikarste part 6-7

जीवन क्या है... बुझो तो अबूझ पहेली है मत बूझो संग सहेली है इसकी रौ में…

कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते भाग-4 एवं भाग-5

कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते बीते कल को देखा तुमने भावी कल को देखा कौन चंद इबारत बन जाता है…

karmnewadhikarste-2छायावादी खण्‍ड़काव्‍य-‘कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते’ भाग-2

नवसृष्टि का सृजन कहे उठ जाग अरे ओ मूढ़मते कुछ काम नया अंजाम नया करता जा…

छायावादी खंडकाव्य “कर्मण्येवाधिकारस्ते” भाग -1

रहा अकर्मठ यह काया तो परछाई बोझ बनेगा दहरे का ठहरा हुआ पानी केवल रोग जनेगा…